Tuesday, October 16, 2018

Best Hindi Shayries

Best Hindi Shayries

  •  तेरी वफ़ा की ख़्वाइश तो मुझे पहले भी न थी ,

एतबार सिर्फ इतना है मेरे संभलने का इंतजार तो किया होता।

  •  तेरी बेवफ़ाई एक इल्जाम है मुझ पर ,

    की क्यों मैंने फिर तुझसे वफ़ा  की उम्मीद की।

Saturday, September 8, 2018

Best love poems in hindi

एक अरमान
arman

वो सफर था कुछ यु अंजाना सा, कुछ अपना कुछ बेगाना सा,
कुछ हँसने कुछ हँसाने का, कुछ नगमे गुनगुनाने का,
वो डगर वो राहे वो लम्हे बेगाने ,
वो बातें वो मुलाकाते वो पल दिल छू जाते,
वो लोरी रातों की वो नर्मी हाथों की,
कुछ लफ्ज कुछ अफसाने, वो दीवाने वो परवाने,
मचलती ख्वाहिशो मे वो बिते दिन के अफसाने,
वो यारों की हसती, वो दिन भर मस्ति ,
कुछ केहना केह कर भुल जाना ,
आज झगडा कल फिर मनाना,
क्या खुब था वो बचपन का जमाना,
वो लम्हे जो प्यार के, दिल से दिल के इसहार के,
वो रातों कि मेहफिल वो सुबह की नींद,
वो चाय की चुस्कि वो खिलौनो की भीड,
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा, मील कर वो थाली और चम्मच बजाना,
क्या खूबसूरत था वो बचपन का जमाना,
ए वक्त तु बस इतना सा एहसान कर,
लोटा दे वो हसी मुझे बच्चा जान कर,
छोड़ आ मुझे फिर उस मेहफिल मे,
ए जिंदगी बस पुरा इतना अरमान कर


डगर 

dagar

रहो में चलते जब मिले अनजाने,
तो दिल न समझा कौन अपने कौन बेगाने,
हमने तो सबको एक मंजर में अपना लिया,
कभी किसी ने हँसा दिया तो कभी किसी ने रुला दिया,
कुछ अपने बने कुछ बेगाने,
जिंदगी की रहो पर जाने कितने अफ़साने,
तु बेखबर, मै बेखबर चलते जाना हे बस मगर,
एक जेेसी ही दिखती तेरी मेरी मंजिल की ये डगर,
में न बाँधु उमीद की कोई लहर,
जाने कब कौन तोड़ चले दिल से दिल के ये धागे,
कैसे करे ये दिल किसी पर विश्वास आगे,
कैसे पहचाने किसी को यहाँ सबने मुखोटे हे डाले,
हम तो हार गये अब रब ही उनको पहचाने,
एक डर का साया हे आँखो में,
लबो पर कोई खामोशी,
डरते हे अब खुद की रूह से कोई इन ख्वाबो को न रौंध डाले,
सपनो की दुनिया में अँधा कानून चलता हे,
जहाँ बेटा नहीं बाप का वहा आप के लिए क्या कोई मरता हे.

Wednesday, September 5, 2018

Best hindi poem on zindgi, life in Indore

मुस्कान और पानी

life

कही होटो पर मुस्कान,
तो कही आँखो में पानी है ,
यही दस्तुर हेेै  जिंदगी का,
और यही जिन्दगानी हेै ,
पल में गिला,पल में शिकवा,
पल में किसी से रूठ जानी हेै ,
आज साथ हेै  कल को क्या पता,
किसकी मंजिल की कौनसी कहानी हेै ,
खूुन के रिश्ते छूुटते चले जाते हेै ,
दिल के रिश्ते कब तक साथ निभाते हेै ,
फासलों से कमियो का अहसास हो जाता हेै ,
जो पास हे वो एक पल हमे नई सुहाता हेै ,
हमेशा साथ हो तो मन भर जाता हेै ,
जरा दुर हो जाए तो मन घबराता हेै ,
पतझड़ के मौसम में बरसात याद आती हेै ,
भींगती हुई बारिश में छतरी खुल जाती हेै ,
ना संतोष हे ना धैर्य,
सबको अपनी नोटों की गड्डी बचानी हेै ,
कभी कोई किसी पराये अफसर के आगे शीश झुकाता हेै ,
तो कोई माँ बाप के पेर छुने से कतराता हेै ,
किसी की ताली किसी का पेट भर जाती हेै ,
किसी के घर हर रोज रोटी फिकाती हेै ,
एक इंसान सड़क पर बिछोना लगाता हेै ,
दूजा वही कुत्ते के लिए भी घर बनाता हेै ,
किसी की रात तारे गिनते कट जाती हेै ,
किसी को तारो से सजी रात भी कम पड़ जाती हेै ,
किसी की पायल किसी का दिल बहलाती हेै ,
किसी की पायल उसका घर चलाती हेै ,
कही होंटो पर मुस्कान कही आखो में पानी हेै ,
यही दस्तूर हे जिंदगी का यही जिंदगानी हेै ,
क्या बोया तूने क्या तू पाएगा,
जो बोएगा वही जीवन में पाएगा,
याद रख ये रब की दी जिंदगानी हेै ,
आज तेरी हे कल को बेगानी हेै ,
कुछ कर ऐसा ये रब की मेहरबानी हेै ,
ऊपर जाकर तुझे भी इसकी कीमत चुकानी हेै। 

Friday, August 31, 2018

Best motivational poem in hindi in Indore

काम कुछ ऐसा कर

motivational

काम कुछ ऐसा कर की जिंदगी बदल जाए,
हँसते हे जो आज तुझ पर उनके सोचने की तकनीक बदल जाए,

ना रूठ कभी किसी से आज सबको मना ले,
नाम कुछ ऐसा कर की हाथो की लकीर बदल जाए,
कोई साथ दे ना दे तेरा होसला इतना रख की तकदीर बदल जाए,
मुसीबते कई आएगी राह में,
पर बस याद तु इतना रख,
मंजिल खड़ी हे इंतेजार में,
तेरी सोच सबके दिल में उतर जाए,
रख तूफान इस कदर दिल में की साहिल खुद चल कर तेरे तक आए,
तुझे लिखनी हे ये कहानी नयी,
तुझे ही बनाना हे इतिहास नया,
तू तो खिलेगा कली की तरह,
तेरे संग रोएगा ये आसमा,
जस्बा ऐसा रख रगो मेंतकदीर के सितारे बदल जाए,
ये धरती हे तेरी तेरा हे आसमा,
बस कर हिम्मत चलेगा तेरे संग ये जहाँ......

रौशनी




बंद दरवाजे की आड़ से एक रौशनी की किरण आई,
मैने सोचा फिर कोई घटा लहराई,
उसी दिशा में चलते चलते चुपके से एक कली मुस्काई,
मैने सोचा ज़िंदगी में फिर बहार आई,
वहीँ थोड़ी दुर दरिया नजर आई,
मैने जी भर के अपनी प्यास बुझाई,
अब लग गयी थी मुझे सहारे की आदत,
मै थी अनजान देनी थी मुझे खुशियो की शहादत,
कुछ दुरी पर ही चलते चलते काँटों भरी बिझी थी चादर,
मै थोडा डरी थोडा घबराई,
कर हिम्मत मैने खुद को हे संभाला,
पर अनजान थी मै आगे है तूफान और सिर्फ एक कश्ती का सहारा,
कुछ ही दूरी पर अंधी ने होसलो को तोड़ डाला,
फिर कही दूर से एक आवाज आई,
मैने कुछ हिम्मत फिर दिखाई,
फिर कुछ दूर मैने कदम बढ़ाया,
एक कांटा चुभ कर मेरे पांव में आया,
मैने फिर रब से गुहार लगाई,
जितनी हे मुझे होसलो की ये लड़ाई,
खुद को मैने फिर से समेटा,
पर कुछ ही दुरी पर खड़ी थी एक और परीक्षा,
मझदार की लहरे और अंधी ने मेरी नय्या डुबाई,
मै फिर थोडा सकुचाई फिर घबराई,
पर फिर उठकर जब मैने देखा, तेरी रौशनी मुझसे कुछ कहती नजर आई,
किस्मत फिर मुझ पर मंद मंद मुस्कुराई,
गुरु की महिमा तब मुझे समझ आई,
अपने होसलो और एक रौशनी के सहारे,
जीत ली मैने जीवन की लड़ाई,
गुरु तेरी महिमा तूने मुझे सदा राह दिखाई।।
गुरु तेरी महिमा तूने मुझे सदा राह दिखाई।।

अभिमान और  स्वाभिमान 

power

अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई,
एक स्त्री के सम्मान की ख़ातिर जब कृष्ण ने थी महाभारत रचाई,
एक स्त्री की लाज बचाने, दुर्गा काली रूप लेकर थी आई,
जब बात देश की आई,
लक्ष्मी बाई ने थी तलवार उठाई,
पर बात जब मेरी इज्जत पर आई, क्यों तुमने हिम्मत न दिखाई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई,
जब बाँसुरी प्यार की बजी ,
मै मीरा तो कभी राधा बनी,
जब गाया तुमने गीत प्रेम का,
मैने माँ यशोदा बन अपना फ़र्ज निभाया रीत का,
बात जब सीता की लाज पर आई,
अग्नि ने भी अपनी पहचान भुलाई, अग्नि भी माँ सीता को छु नाही पाई,
पर बात जब मेरे सम्मान पर आई,
कहाँ खो गयी जग की भलाई,क्यों सच्चाई तुम्हें नजर नहीं आई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई।।
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई।।

Wednesday, August 22, 2018

best hindi poem on patang in Indore

पतंग

kite

बँधी एक पतंग उड़ी फिर डोरी से,
सजी आसमा में फिरती हिलोरी सें,
घूमते फिरती हसती  मुस्कुराती,
चली वो मग्न थामे प्यार की डोर,
झूमते गाते हवा के संग लह लहलहाते,
मस्त मोला मस्त होकर जमीन से दूर फलक की ओर
चली एक पतंग अपनी मंजिल कीओर।।

Best patriotic poem in hindi in Indore

अब वतन मुश्किल मे है

soldier

कर हिम्मत ते फिर चल दें एक बार आजमाने को,
हें बुलाती तेरी सरजमी कि अब वतन मुश्किल मे है,
तु क्या हे देखता नजर तेरी हम झुका देंगे,
जो देखा मेरी धरती कि ओर हसती तेरी मीटा देंगे,
ये वतन हैं मेरा मेरी माटी,
तु जो कदम एक बढाएगा ,
लाशो के ढेर बिछा देगे,
तुम माँगोगे जो दुध तो हम ,
खीर कि नदिया बहा देगे,
पर जो माँगोगे कश्मीर तो हम,
खून कि नदिया बहा देगे,
ना झुका हे ये ना झुकेगा कभी,
तेरी सरजमी पर तिरंगा लहरा देंगे,
तु ना कर जुर्रत मुल्क ए पाकिस्तान,
अगर हम बिगड़ गये तो तेरा वजूद मीटा देंगे,
ये भारत भुमी माता मेरी,
यहाँ बच्चा बच्चा सिंह सा फौलादी,
ना जगा इस सोते सिंह को,
तेरी रूह तक हिला देंगे,
जो कीं तूने जुर्रत थोड़ी,
आखों से लहू बहा देंगे,
ना सोच ये बेठै है चुप,
ऊठ गये जो अगर तो नामों नीशा तेरा मीटा देंगे।।

Best poem in hindi on bachpan in Indore

बचपन के जमाने मे
bachapan

क्यो नही बरसते ये बादल मेरे आशीयाने मे,
क्यो हु मै तन्हा इस खुदगृज जमाने मे,
आ फिर लौट चले बचपन के जमाने मे,
वो खिलखिलाती हँसी अब आती नही,
क्यो वो यादे जाती नही,
कभी याद आती है वो बचपन की अटखेलिया,
न भुली जाती वो तेरी मेरी पहेलियाँ,
क्यों ये सब अब लगते बेगाने हे,
आ फिर लौट चले बचपन के जमाने मे,
वो सुहानी राते, वो छम छम बरसाते,
भिगे हुए दिनो की मदमस्त सहेलिया,
कहाँ खो गयी वो रंगो की होलिया,
नफरत की आंधी और पैसो का सेलाब,
भूल गये सब बचपन का हिसाब,
आओ आज मील फिर वही आशीयाना सजाते है,
भुले हुए जमाने को फिर ये सिखाते है,
आओ आज मील फिर बच्चे बन जाते है,
आओ फिर से बच्चे बन जाते है।।



बचपन से बुढ़ापे कीओर

childhood

समां था वो विदाई का,
बचपन से दुर रुसवाई का,
बड़े कदम जिंदगी की ओर,
अपनी मंजिल की ओर,
कब बीता वो सुहाना सफ़र,
बीत गयी थी बचपन की वो सुहानी डगर,
तक़दीर ने हे रुख मोड़ा,
बचपन ने अब साथ छोड़ा,
आई जवानी खुशिया लेकर,
नयी हे मंजिल अब नया किनारा,
वक़्त के भँवर में लो आ फँसा इंसान बेचारा,
जब लगा सीख़ लिया उसने ये जिंदगी का दौर,
लो आ गया अब एक नया मोड़,
बचपन से बढ़े बुढ़ापे की ओर,
कैसे बंधती हे ये जिंदगी की डोर,
लम्हे बदले जिंदगी बदली वक़्त के संग,
हर मंजिल बदली,
लो आ गया अब रब का बुलावा,
चले तोड़ अब जिंदगी का धागा।