Wednesday, August 22, 2018

best hindi poem on patang in Indore

पतंग

kite

बँधी एक पतंग उड़ी फिर डोरी से,
सजी आसमा में फिरती हिलोरी सें,
घूमते फिरती हसती  मुस्कुराती,
चली वो मग्न थामे प्यार की डोर,
झूमते गाते हवा के संग लह लहलहाते,
मस्त मोला मस्त होकर जमीन से दूर फलक की ओर
चली एक पतंग अपनी मंजिल कीओर।।

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