काम कुछ ऐसा कर
काम कुछ ऐसा कर की जिंदगी बदल जाए,
हँसते हे जो आज तुझ पर उनके सोचने की तकनीक बदल जाए,
ना रूठ कभी किसी से आज सबको मना ले,
नाम कुछ ऐसा कर की हाथो की लकीर बदल जाए,
कोई साथ दे ना दे तेरा होसला इतना रख की तकदीर बदल जाए,
मुसीबते कई आएगी राह में,
पर बस याद तु इतना रख,
मंजिल खड़ी हे इंतेजार में,
तेरी सोच सबके दिल में उतर जाए,
रख तूफान इस कदर दिल में की साहिल खुद चल कर तेरे तक आए,
तुझे लिखनी हे ये कहानी नयी,
तुझे ही बनाना हे इतिहास नया,
तू तो खिलेगा कली की तरह,
तेरे संग रोएगा ये आसमा,
जस्बा ऐसा रख रगो मेंतकदीर के सितारे बदल जाए,
ये धरती हे तेरी तेरा हे आसमा,
बस कर हिम्मत चलेगा तेरे संग ये जहाँ......
रौशनी
बंद दरवाजे की आड़ से एक रौशनी की किरण आई,
मैने सोचा फिर कोई घटा लहराई,
उसी दिशा में चलते चलते चुपके से एक कली मुस्काई,
मैने सोचा ज़िंदगी में फिर बहार आई,
वहीँ थोड़ी दुर दरिया नजर आई,
मैने जी भर के अपनी प्यास बुझाई,
अब लग गयी थी मुझे सहारे की आदत,
मै थी अनजान देनी थी मुझे खुशियो की शहादत,
कुछ दुरी पर ही चलते चलते काँटों भरी बिझी थी चादर,
मै थोडा डरी थोडा घबराई,
कर हिम्मत मैने खुद को हे संभाला,
पर अनजान थी मै आगे है तूफान और सिर्फ एक कश्ती का सहारा,
कुछ ही दूरी पर अंधी ने होसलो को तोड़ डाला,
मै थी अनजान देनी थी मुझे खुशियो की शहादत,
कुछ दुरी पर ही चलते चलते काँटों भरी बिझी थी चादर,
मै थोडा डरी थोडा घबराई,
कर हिम्मत मैने खुद को हे संभाला,
पर अनजान थी मै आगे है तूफान और सिर्फ एक कश्ती का सहारा,
कुछ ही दूरी पर अंधी ने होसलो को तोड़ डाला,
फिर कही दूर से एक आवाज आई,
मैने कुछ हिम्मत फिर दिखाई,
फिर कुछ दूर मैने कदम बढ़ाया,
एक कांटा चुभ कर मेरे पांव में आया,
मैने फिर रब से गुहार लगाई,
जितनी हे मुझे होसलो की ये लड़ाई,
खुद को मैने फिर से समेटा,
पर कुछ ही दुरी पर खड़ी थी एक और परीक्षा,
मझदार की लहरे और अंधी ने मेरी नय्या डुबाई,
मै फिर थोडा सकुचाई फिर घबराई,
पर फिर उठकर जब मैने देखा, तेरी रौशनी मुझसे कुछ कहती नजर आई,
किस्मत फिर मुझ पर मंद मंद मुस्कुराई,
गुरु की महिमा तब मुझे समझ आई,
अपने होसलो और एक रौशनी के सहारे,
जीत ली मैने जीवन की लड़ाई,
गुरु तेरी महिमा तूने मुझे सदा राह दिखाई।।
गुरु तेरी महिमा तूने मुझे सदा राह दिखाई।।
अभिमान और स्वाभिमान
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई,
एक स्त्री के सम्मान की ख़ातिर जब कृष्ण ने थी महाभारत रचाई,
एक स्त्री की लाज बचाने, दुर्गा काली रूप लेकर थी आई,
जब बात देश की आई,
लक्ष्मी बाई ने थी तलवार उठाई,
पर बात जब मेरी इज्जत पर आई, क्यों तुमने हिम्मत न दिखाई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई,
जब बाँसुरी प्यार की बजी ,
मै मीरा तो कभी राधा बनी,
जब गाया तुमने गीत प्रेम का,
मैने माँ यशोदा बन अपना फ़र्ज निभाया रीत का,
बात जब सीता की लाज पर आई,
अग्नि ने भी अपनी पहचान भुलाई, अग्नि भी माँ सीता को छु नाही पाई,
पर बात जब मेरे सम्मान पर आई,
कहाँ खो गयी जग की भलाई,क्यों सच्चाई तुम्हें नजर नहीं आई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई।।
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई।।
एक स्त्री की लाज बचाने, दुर्गा काली रूप लेकर थी आई,
जब बात देश की आई,
लक्ष्मी बाई ने थी तलवार उठाई,
पर बात जब मेरी इज्जत पर आई, क्यों तुमने हिम्मत न दिखाई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई,
जब बाँसुरी प्यार की बजी ,
मै मीरा तो कभी राधा बनी,
जब गाया तुमने गीत प्रेम का,
मैने माँ यशोदा बन अपना फ़र्ज निभाया रीत का,
बात जब सीता की लाज पर आई,
अग्नि ने भी अपनी पहचान भुलाई, अग्नि भी माँ सीता को छु नाही पाई,
पर बात जब मेरे सम्मान पर आई,
कहाँ खो गयी जग की भलाई,क्यों सच्चाई तुम्हें नजर नहीं आई,
अभिमान की नहीं स्वाभिमान की है ये लड़ाई।।
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Really inspiring...!!!...nice work ...!!!
ReplyDeleteThe Citizen Titanium Watch (1919-1933), a Watch Watch made in Italy
ReplyDeleteThe Citizen Titanium Watch is a watch made in Italy. The watch is made snow peak titanium spork in Italy. titanium element This watch comes with hypoallergenic titanium earrings a high standard dial, titanium sunglasses which makes it a perfect for watching babyliss pro titanium